खाटू श्याम जी की आरती
ॐ जय श्री श्याम हरे, प्रभु जय श्री श्याम हरे।निज भक्तन के तुमने पूरण काम करे।।
हरि ॐ जय श्री श्याम हरे।।
गल पुष्पों की माला, सिर पर मुकुट धरे।
पीत बसन पीताम्बर, कुण्डल कर्ण पड़े।।
हरि ॐ जय श्रीश्याम हरे।।
रत्नसिंहासन राजत, सेवक भक्त खड़े।
खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जरे।।
हरि ॐ जय श्रीश्याम हरे।।
मोदक खीर चूरमा, सुवर्ण थाल भरे।
सेवक भोग लगावत, सिर पर चंवर ढुरे।।
हरि ॐ जय श्रीश्याम हरे।।
झांझ नगारा और घडि़यावल, शंख मृदंग घुरे।
भक्त आरती गावें, जय जयकार करें।।
हरि ॐ जय श्रीश्याम हरे।।
जो ध्यावे फल पावे, सब दुख से उबरे।
सेवक जब निज मुख से, श्री श्याम श्याम उचरे।।
हरि ॐ जय श्रीश्याम हरे।।
श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे।
गावत दासमनोहर, मन वांछित फल पावे।।
ॐ जय श्री श्याम हरे, प्रभु जय श्री श्याम हरे।।