कोकिला व्रत आषाढ़ मास की पूर्णिमा को किया जाता हैं। विशेष तौर पर यह दक्षिण भारत का व्रत हैं। इसे सौभाग्यशाली औरतें ही किया करती हैं. यह व्रत करने वाली स्त्री को चाहिए, कि प्रातः सूर्योदय से पूर्व उठे तथा स्नान दातुन करने के उपरान्त सुगन्धित इत्र लगाए। यह नियम आठ दिन करना चाहिए। तत्पश्चात उबटन लगाकर प्रातःकाल भगवान भास्कर की पूजा करनी चाहिए।
कोकिला व्रत पूजा 2020 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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कोकिला व्रत | शनिवार | 4 जुलाई 2020 |
कोकिला व्रत पूजा समय :
पूर्णिमा तिथि शुरू : 11:30 - 4 जुलाई 2020
पूर्णिमा तिथि ख़त्म : 10:15 - 5 जुलाई 2020
एक बार दक्ष प्रजापति ने बहुत बड़ा यज्ञ किया। उस यज्ञ में समस्त देवताओं को आमंत्रित किया परन्तु अपने दामाद भगवान शंकर को आमंत्रित नहीं किया। यह बात जब सती को मालुम हुई तो उन्होंने भगवान शंकर से मायके जाने का आग्रह किया।