वट सावित्री व्रत को सौभाग्य देने वाला और संतान की प्राप्ति में सहायक व्रत माना गया है। इस व्रत की तिथि को लेकर भिन्न मत हैं। एक मत के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को यह व्रत करने का विधान है, वहीं दूसरे मत के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या को व्रत करने की बात कही गई है। वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की पूजा और सावित्री-सत्यवान की कथा के विधान की वजह से यह व्रत वट सावित्री के नाम से जाना जाता है।
वट सावित्री व्रत 2020 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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वट सावित्री व्रत | शुक्रवार | 22 मई 2020 |
वट सावित्री व्रत पूजा समय :
अमावस्या तिथि शुरू : 21:40 - 21 मई 2020
अमावस्या तिथि ख़त्म : 23:10 - 22 मई 2020
सावित्री को भारतीय संस्कृति में ऐतिहासिक चरित्र माना जाता है। सावित्री का अर्थ वेद माता गायत्री और सरस्वती भी होता है। इस व्रत में वट वृक्ष का बहुत खास महत्व होता है जिसका अर्थ है बरगद का पेड़। इस पेड़ में काफी शाखाएं लटकी हुई होती है जिन्हें सावित्री देवी का रूप माना जाता है। पुराणों के अनुसार बरगद के पेड़ में तीनों देव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। इसलिए इस पेड़ की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।