अश्विन के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। कहा जाता है कि अश्विनी पूर्णिमा का व्रत करने से सभी मनाकामनाएं पूर्ण होती हैं और संतानों को लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है। इस दिन खीर बनाने की परंपरा है, जिसे रात में आकाश के नीचे चंद्रमा की रौशनी में रख दिया जाता है और अगले दिन या रात 12 बजे के बाद प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।
अश्विनी पूर्णिमा पूजा 2022 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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अश्विनी पूर्णिमा | रविवार | 9 अक्टूबर 2022 |
ऐसी मान्यता है कि इस खीर में आसमान से गिरने वाला अमृत आ जाता है और उसे ग्रहण करने से शरीर रोग मुक्त हो जाता है।