होलिका दहन होली के एक दिन पूर्व सन्ध्या को किया जाता है। होलिका दहन, होलिका शैतान को जलाकर मनाया जाता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। लोग आग के चारों ओर गाते हैं और नृत्य करते हैं। लोग अग्नि की परिक्रमा भी करते हैं। होलिका दहन की तैयारी त्योहार से कुछ दिन पहले शुरू हो जाती हैं। जिसमें लोग सूखी टहनियाँ, सूखे पत्ते इकट्ठा करते हैं। फिर फाल्गुन पूर्णिमा की संध्या को अग्नि जलाई जाती है और रक्षोगण के मंत्रो का उच्चारण किया जाता है। दूसरे दिन सुबह नहाने से पहले इस अग्नि की राख को अपने शरीर लगाते हैं, फिर स्नान करते हैं।
होलिका दहन 2022 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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होलिका दहन | गुरुवार | 17 मार्च 2022 |
होलिका दहन समय :
पूर्णिमा तिथि शुरू : 13:25 - 17 मार्च 2022
पूर्णिमा तिथि ख़त्म : 12:45 - 18 मार्च 2022
होलिका दहन का महत्व है कि आपकी मजबूत इच्छाशक्ति आपको सारी बुराईयों से बचा सकती है, जैसे प्रह्लाद की थी। कहा जाता है कि बुराई कितनी भी ताकतवर क्यों ना हो जीत हमेशा अच्छाई की ही होती है। इसी लिए आज भी होली के त्यौहार पर होलिका दहन एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।