ज्येष्ठ गौरी पूजा सबसे लोकप्रिय व्रत है जो महाराष्ट्र राज्य में भाद्रपद के महीने में मनाया जाता है। यह ज्येष्ठ नक्षत्र के दौरान आता है और इसलिए ज्येष्ठ गौरी व्रत के रूप में जाना जाता है। देवी गौरी या गौरी देवी पार्वती का दूसरा नाम है। विवाहित महिलाओं द्वारा तीन दिन व्रत पूजा की जाती है। विशेष सजावट की जाती है, और विवाहित महिलाएं उत्सव में भाग लेने के लिए अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को आमंत्रित करती हैं। हल्दी-कुमकुम समारोह दिन की एक महत्वपूर्ण घटना है। समारोह के बाद, मेहमानों के बीच कई प्रसाद वितरित किए जाते हैं।
ज्येष्ठ गौरी पूजा 2022 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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ज्येष्ठ गौरी पूजा | रविवार | 4 सितंबर 2022 |
ज्येष्ठ गौरी पूजा समय :
ज्येष्ठ नक्षत्र तिथि शुरू : 23:00 - 3 सितंबर 2022
ज्येष्ठ नक्षत्र तिथि ख़त्म : 21:40 - 4 सितंबर 2022
ज्येष्ठ गौरी व्रत और व्रत महिलाओं द्वारा देवी शक्ति, ब्रह्माण्ड की परम शक्ति से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए रखा जाता है। उनका मानना है कि देवी गौरी की पूजा करने से उनका दाम्पत्य जीवन खुशियों से भर जाएगा और उनकी सभी परेशानियां दूर होंगी। अविवाहित लड़कियां इस दिन देवी पार्वती की पूजा करती हैं ताकि उन्हें उचित जीवनसाथी मिल सके। देवी पार्वती, भगवान शिव की एक आराधना हैं। वह भक्तों की इच्छाओं को पूरा करती है।