लक्ष्मी जयंती देवी लक्ष्मी के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह पूर्णिमा के दिन फाल्गुन माह में पड़ता है जिसे फाल्गुन पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस शुभ अवसर पर, भक्त पूरी श्रद्धा के साथ धन और समृद्धि की देवी माँ लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इस त्योहार को वसंत पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। देवी लक्ष्मी की पूजा उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भक्ति के साथ की जानी चाहिए। यह माना जाता है कि देवी लक्ष्मी का जन्म फाल्गुन पूर्णिमा पर दूधिया सागर के महान मंथन के दौरान हुआ था, जिसे समुंद्र मंथन के नाम से जाना जाता है। वी लक्ष्मी की मूर्ति को वेदी पर रखा जाता है और चार दीपकों को जलाया जाता है। इसके ऊपर शंख भी रखे जाते हैं।
लक्ष्मी जयंती 2022 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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लक्ष्मी जयंती | शुक्रवार | 18 मार्च 2022 |
लक्ष्मी जयंती समय :
पूर्णिमा तिथि शुरू : 13:25 - 17 मार्च 2022
पूर्णिमा तिथि ख़त्म : 12:50 - 18 मार्च 2022
लक्ष्मी माँ का अभिषेक रोली और चवल का उपयोग करके किया जाता है। मूर्ति को फूल और माला अर्पित की जाती है, और देवी लक्ष्मी की स्तुति के लिए आरती की जाती है। मिठाई को देवी लक्ष्मी के भोग के रूप में चढ़ाया जाता है, और प्रार्थना के बाद इसे सभी भक्तों में वितरित किया जाता है।