परिवर्तिनी एकादशी को पार्श्व एकादशी, वामन एकादशी, जयझूलनी, डोल ग्यारस, जयंती एकादशी आदि कई नामों से जाना जाता है। मान्यता है कि इस एकादशी के व्रत से वाजपेय यज्ञ जितना पुण्य फल उपासक को मिलता है। इस दिन भगवान विष्णु के वामन स्वरूप की आराधना की जाती है। जो साधक अपने पूर्वजन्म से लेकर वर्तमान में जाने-अंजाने किये गये पापों का प्रायश्चित करना चाहते हैं और मोक्ष की कामना रखते हैं उनके लिये यह एकादशी मोक्ष देने वाली, समस्त पापों का नाश करने वाली मानी जाती है।
परिवर्तिनी एकादशी पूजा 2022 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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परिवर्तिनी एकादशी | मंगलवार | 6 सितंबर 2022 |
परिवर्तिनी एकादशी | बुधवार | 7 सितंबर 2022 |
परिवर्तिनी एकादशी पूजा समय :
एकादशी तिथि शुरू : 05:55 - 6 सितंबर 2022
एकादशी तिथि ख़त्म : 03:05 - 7 सितंबर 2022
भगवान विष्णु चार महीनों तक सोते रहते हैं और देवोठनी एकादशी को ही जागृत होते हैं। लेकिन इन महीनों में एक समय ऐसा भी आता है कि सोते हुए भगवान विष्णु अपनी करवट बदलते हैं। यह समय होता है भादों मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का। इसलिये इसे परिवर्तिनी एकादशी के रूप में भी जाना जाता है।