2022 प्रदोष व्रत पूजा तारीख व समय, 2022 प्रदोष व्रत त्यौहार समय सूची व कैलेंडर
प्रदोष व्रत में भगवान शिव की उपासना की जाती है | यह व्रत हिंदू धर्म के सबसे शुभ व महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है | हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार प्रदोष व्रत चंद्र मास के 13 वें दिन (त्रयोदशी) पर रखा जाता है | हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। अलग-अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष की महिमा अलग-अलग होती है। सोमवार का प्रदोष, मंगलवार को आने वाला प्रदोष और अन्य वार को आने वाला प्रदोष सभी का महत्व और लाभ अलग अलग है।
प्रदोष व्रत पूजा 2022 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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प्रदोष व्रत | शनिवार | 15 जनवरी 2022 |
प्रदोष व्रत | रविवार | 30 जनवरी 2022 |
प्रदोष व्रत | सोमवार | 14 फरवरी 2022 |
प्रदोष व्रत | सोमवार | 28 फरवरी 2022 |
प्रदोष व्रत | मंगलवार | 15 मार्च 2022 |
प्रदोष व्रत | मंगलवार | 29 मार्च 2022 |
प्रदोष व्रत | गुरूवार | 14 अप्रैल 2022 |
प्रदोष व्रत | गुरूवार | 28 अप्रैल 2022 |
प्रदोष व्रत | शुक्रवार | 13 मई 2022 |
प्रदोष व्रत | शुक्रवार | 27 मई 2022 |
प्रदोष व्रत | रविवार | 12 जून 2022 |
प्रदोष व्रत | रविवार | 26 जून 2022 |
प्रदोष व्रत | सोमवार | 11 जुलाई 2022 |
प्रदोष व्रत | सोमवार | 25 जुलाई 2022 |
प्रदोष व्रत | मंगलवार | 9 अगस्त 2022 |
प्रदोष व्रत | बुधवार | 24 अगस्त 2022 |
प्रदोष व्रत | गुरूवार | 8 सितंबर 2022 |
प्रदोष व्रत | शुक्रवार | 23 सितंबर 2022 |
प्रदोष व्रत | शुक्रवार | 7 अक्टूबर 2022 |
प्रदोष व्रत | शनिवार | 22 अक्टूबर 2022 |
प्रदोष व्रत | शनिवार | 5 नवंबर 2022 |
प्रदोष व्रत | सोमवार | 21 नवंबर 2022 |
प्रदोष व्रत | सोमवार | 5 दिसंबर 2022 |
प्रदोष व्रत | बुधवार | 21 दिसंबर 2022 |
प्रमोशम के दिन सूर्योदय और सूर्यास्त से पहले के समय को शुभ माना जाता है। इस समय के दौरान ही सभी सारी पूजा पाठ किये जाते है। इस व्रत को वार के अनुसार करने से ज्यादा लाभ मिलता है। जिस वार को यह व्रत पड़ता है उसी अनुसार कथा पढ़ने से फल भी प्राप्त होते हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार शिव जी की पूजा का सही समय शाम का है, जब मंदिरों में प्रदोषम मंत्र का जाप किया जाता है। यदि प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ रहा है तो इस व्रत को करने से पुत्र की प्राप्ती होगी। यदि व्यक्ति को सभी प्रकार की पूजा पाठ और व्रत करने के बाद भी सुख शांति और खुशी नहीं मिल पा रही है तो उस व्यक्ति को हर माह पड़ने वाले प्रदोष व्रत पर जप, दान, व्रत आदि करने से पूरा फल मिलता है।