पौष माह में आने वाले पूर्णिमा को शाकम्भरी पूर्णिमा या पौष पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता हैं। इस दिन शाकम्भरी देवी की पूजा विधि विधान के साथ की जाती हैं। यह शाकम्भरी नवरात्री के आखिरी दिन मनाई जाती हैं। दक्षिण भारत में शाकम्भरी माता को बनाषणकरी देवी भी कहते हैं। शाकम्भरी, माता पार्वती का ही एक रूप हैं। पौष माह की पूर्णिमा को शाकम्भरी देवी अवतार दिवस, शाकम्भरी जयंती के रूप में मनाया जाता हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, शाकम्बरी नवरात्रि अष्टमी तिथि के दिन शुरू होती है और पौष माह में पूर्णिमा तिथि के दिन समाप्त होती है। इस अवसर को आठ दिनों तक मनाया जाता है और शाकम्बरी पूर्णिमा को शाकम्भरी नवरात्रि का समापन या अंतिम दिन होता है।
शाकम्भरी पूर्णिमा पूजा 2022 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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शाकम्भरी पूर्णिमा | सोमवार | 17 जनवरी 2022 |
शाकम्भरी पूर्णिमा समय :
पूर्णिमा तिथि शुरू : 03:15 - 17 जनवरी 2022
पूर्णिमा तिथि ख़त्म : 05:15 - 18 जनवरी 2022
देवी शाकंभरी देवी भगवती का अवतार हैं । उसे "साग का वाहक" भी कहा जाता है। शास्त्रों और हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, सभी शाकाहारी खाद्य उत्पादों को शाकंभरी देवी का प्रसाद या पवित्र प्रसाद माना जाता है।