2022 स्कंद षष्ठी पूजा तारीख व समय, 2022 स्कंद षष्ठी त्यौहार समय सूची व कैलेंडर
स्कंद षष्ठी के पावन दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के पुत्र श्री कार्तिकेय की पूजा की जाती है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष और कार्तिक मास कृष्णपक्ष की षष्ठी को स्कन्द-षष्ठी के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों में इस पूजा को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है। वैसे तो यह त्यौहार भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है लेकिन दक्षिण भारत में इस पर्व का एक अलग ही महत्व है।
स्कंद षष्ठी पूजा 2022 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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स्कंद षष्ठी पूजा | शुक्रवार | 7 जनवरी 2022 |
स्कंद षष्ठी पूजा | रविवार | 6 फरवरी 2022 |
स्कंद षष्ठी पूजा | मंगलवार | 8 मार्च 2022 |
स्कंद षष्ठी पूजा | बृहस्पतिवार | 7 अप्रैल 2022 |
स्कंद षष्ठी पूजा | शुक्रवार | 6 मई 2022 |
स्कंद षष्ठी पूजा | रविवार | 5 जून 2022 |
स्कंद षष्ठी पूजा | मंगलवार | 5 जुलाई 2022 |
स्कंद षष्ठी पूजा | बुधवार | 3 अगस्त 2022 |
स्कंद षष्ठी पूजा | बृहस्पतिवार | 1 सितम्बर 2022 |
स्कंद षष्ठी पूजा | शनिवार | 1 अक्टूबर 2022 |
स्कंद षष्ठी पूजा | रविवार | 30 अक्टूबर 2022 |
स्कंद षष्ठी पूजा | मंगलवार | 28 नवम्बर 2022 |
स्कंद षष्ठी पूजा | बुधवार | 28 दिसंबर 2022 |
कार्तिकेय को स्कंद देव, मुरुगन, सुब्रह्मन्य नामों से भी पूजा जाता हैं। इस व्रत को करने से काम, क्रोध, मद, मोह, अहंकार से भी मुक्ति मिलती है और सन्मार्ग पर चलने की प्रेणना मिलती है। इस व्रत को चम्पा षष्ठी भी कहते हैं, इस दिन भगवान कार्तिकेय के पूजन करने से रोग, राग, दुःख और दरिद्रता से भी मुक्ति मिलती है। भगवान स्कंद की आराधना दक्षिण भारत में सबसे ज़्यादा होती है। इनके आशीर्वाद से मान सम्मान, प्रतिष्ठा और विजय प्राप्त होती है।