आषाढ़ पूर्णिमा बहुत ही खास होती है क्योंकि यह आषाढ़ माह का अंतिम दिन होता है। और इसके दूसरे दिन से ही सावन शुरू हो जाता है। सावन के पवित्र महीने में लोग देवों के देव महादेव की पूजा अर्चना की जाती है और तीज मनाई जाती हैं। इस पूर्णिमा का और भी अधिक महत्व इसीलिए होता है क्योंकि आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है जिसे व्यास पूजा के नाम से भी जाना जाता है।
आषाढ़ पूर्णिमा पूजा 2023 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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आषाढ़ पूर्णिमा | सोमवार | 3 जुलाई 2023 |
इस दिन गुरु की पूजा की जाती है। पुरे भारत में इस पर्व को बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। पुराने समय में विद्यार्थी शिक्षा गुरुओं के आश्रम में निःशुल्क प्राप्त किया करते थे और उनके इसी उपकार का धन्यवाद करने के लिए विद्यार्थी इस दिन गुरु पूजा का आयोजन करते थे।