भाद्रपद अमावस्या को धर्म ग्रंथों में कुशोत्पाटिनी अमावस्या कहते हैं। इस दिन पूरे साल में किए जाने वाली पूजा-पाठ और अन्य धार्मिक कामों के अलावा श्राद्ध में उपयोग आने वाली कुश को इकट्ठा किया जाता है। कुश एक विशेष प्रकार की घास होती है, जिसका उपयोग धार्मिक कामों के अलावा ग्रहण और श्राद्ध आदि कामों में शुद्धि के लिए किया जाता है।
भाद्रपद अमावस्या पूजा 2023 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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भाद्रपद अमावस्या पूजा | शनिवार | 14 अक्टूबर 2023 |
इस घास को ग्रहण के समय पानी, दूध और अन्य खाने वाली चीजों को अपवित्र होने से बचाने के लिए किया जाता है। यह तिथि पूर्वान्ह्व्यापिनी ली जाती है। यानी इसका महत्व तब होता है जब ये तिथि दिन के शुरुआती दो प्रहर तक हो।