भाद्रपद की शुक्ल अष्टमी के दिन से श्री महालक्ष्मी व्रत शुरू होता है। यह सोलह दिनों तक चलता है और इस व्रत में मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। शास्त्रों की मानें तो यह बहुत महत्वपूर्ण व्रत है। स व्रत को रखने से मां लक्ष्मी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और जीवन में हर प्रकार की समस्याओं का अंत होता है। अगर किसी कारणवश व्रत न रख पाएं तो कम दिन भी इस व्रत को रख सकते हैं।
महालक्ष्मी व्रत पूजा 2023 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
---|---|---|
महालक्ष्मी व्रत पूजा | शुक्रवार | 22 सितंबर 2023 |
इस व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता और 16वें दिन पूजा कर इस व्रत का उद्यापन किया जाता है। यह व्रत काफी शुभ माना जा है क्योंनकि इसे पूरे विधि विधान से रखने से घर में सुख शांति और धन की वर्षा होती है। मान्य ता यह भी है कि इस व्रत को जो भी महिला रखती है उसके घर में कभी कलह नहीं होती।