कबीर दास जी का जन्म संवत् 1455 की ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा को हुआ था। इसीलिए ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा के दिन देश भर में कबीर दास जयंती मनाई जाती है। संत कबीर दास जी समाज में फैले आडम्बरों के सख्त विरोधी थे। उन्होंने लोगों को एकता के सूत्र का पाठ पढ़ाया। वे लेखक और कवि थे। उनके दोहे इंसान को जीवन की नई प्रेरणा देते थे।
कबीर दास जयंती 2023 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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कबीर दास जयंती | रविवार | 4 जून 2023 |
कबीर दास जयंती पूजा समय :
पूर्णिमा तिथि शुरू : 11:15 - 3 जून 2023
पूर्णिमा तिथि ख़त्म : 09:10 - 4 जून 2023
कबीर ने जिस भाषा में लिखा, वह लोक प्रचलित तथा सरल भाषा थी। उन्होंने विधिवत शिक्षा नहीं ग्रहण की थी, इसके बावजूद वे दिव्य प्रभाव के धनी थे। कबीरदास जी को हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही संप्रदायों में बराबर का सम्मान प्राप्त था। दोनों संप्रदाय के लोग उनके अनुयायी थे। यही कारण था कि उनकी मृत्यु के बाद उनके शव को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था।