ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है जो कि बेहद शुभ और फलदायी माना जाता है। इसे अचला एकादशी और भद्रकाली एकादशी भी कहते हैं। अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु व उनके पांचवें अवतार वामन ऋषि की पूजा की जाती है। यह ऐसी एकादशी है जिसका व्रत रखने से हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन व्रत करने से पापों का प्रायश्चित किया जा सकता है इसलिए इस एकादशी का सर्वाधिक महत्व है।
अपरा एकादशी पूजा 2025 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
---|---|---|
अपरा एकादशी पूजा | शुक्रवार | 23 मई 2025 |
अपरा एकादशी पूजा समय :
एकादशी तिथि शुरू : 01:15 - 23 मई 2025
एकादशी तिथि ख़त्म : 22:30 - 23 मई 2025
अपरा एकादशी के दिन व्रत और पूजा बहुत ही फलदायक माना गया है। इस दिन पूरे विधि विधान और सच्चे मन से की गयी पूजा और प्रार्थना दोनों ही ईश्वर स्वीकार करते हैं। भगवान विष्णु के आशीर्वाद से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं और उसके जीवन में सुख और शान्ति बनी रहती है। साथ ही उपासक को अखंड सौभाग्य और समृद्धि की भी प्राप्ति होती है।