अष्टमी रोहिणी चौथे चंद्र नक्षत्र या चिंगम के मलायालेसे महीने की रोहिणी नक्षत्र के तहत (अगस्त - सितंबर) में पड़ता है। अष्टमी रोहिणी त्योहार भारत के केरल राज्य में मनाया जाता है। इस उत्सव में लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। अष्टमी रोहिणी भगवान कृष्ण के जन्मदिन का उत्सव है और यह गोकुलाष्टमी , कृष्णा जयंती और जन्मअष्टमी के रूप में भी जाना जाता है। उत्तर भारतीय राज्यों में यह श्री कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में जाना जाता है।
अष्टमी रोहिणी पूजा 2025 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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अष्टमी रोहिणी पूजा | रविवार | 14 सितंबर 2025 |
अष्टमी रोहिणी पूजा समय :
अष्टमी तिथि शुरू : 05:05 - 14 सितंबर 2025
अष्टमी तिथि ख़त्म : 03:00 - 15 सितंबर 2025
इस दिन लोग व्रत रखते है और मध्य रात के बाद वे अपना व्रत तोड़ते है लडकिया आमतौर पर सुंदर कैकोत्तिक्काली और गाना गाने का प्रदर्शन करती है। मध्य रात में पारंपरिक पूजा होती है और प्रसाद जो पहले से ही भगवान के लिए पेश किया गया है उसमे से अपना हिस्सा लेना के बाद ही है घर जाते है।