भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी बलराम जयंती के रूप में देशभर में मनायी जाती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मान्यता है कि इस दिन भगवान शेषनाग ने द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई के रुप में अवतरित हुए थे। इस पर्व को हलषष्ठी एवं हरछठ के नाम से भी जाना जाता है। जैसा कि मान्यता है कि बलराम जी का मुख्य शस्त्र हल और मूसल हैं जिस कारण इन्हें हलधर कहा जाता है इन्हीं के नाम पर इस पर्व को हलषष्ठी के भी कहा जाता है।
बलराम जयंती 2025 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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बलराम जयंती | गुरूवार | 14 अगस्त 2025 |
बलराम जयंती पूजा समय :
षष्ठी तिथि शुरू : 04:25 - 14 अगस्त 2025
षष्ठी तिथि ख़त्म : 02:05 - 15 अगस्त 2025
इस दिन बिना चल चले धरती से पैदा होने वाले अन्न, शाक भाजी आदि खाने का विशेष महत्व माना जाता है। गाय के दूध व दही के सेवन को भी इस दिन वर्जित माना जाता है। साथ ही संतान प्राप्ति के लिये विवाहिताएं व्रत भी रखती हैं।