चैत्र नवरात्रि गर्मियों के मौसम की शुरूआत करता है और प्रकृति माँ एक प्रमुख जलवायु परिवर्तन से गुजरती है। यह चैत्र शुक्ल पक्ष प्रथमा से प्रारंभ होती है और रामनवमी को इसका समापन होता है। नवरात्रि में माँ भगवती के सभी नौ रूपों की उपासना की जाती है। इस समय आध्यात्मिक ऊर्जा ग्रहण करने के लिए लोग विशिष्ट अनुष्ठान करते हैं। इस अनुष्ठान में देवी के रूपों की साधना की जाती है।
चैत्र नवरात्रि 2025 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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चैत्र नवरात्रि (प्रतिपदा) | रविवार | 30 मार्च 2025 |
चैत्र नवरात्रि (द्वितीय) | सोमवार | 31 मार्च 2025 |
चैत्र नवरात्रि (तृतीया) | मंगलवार | 1 अप्रैल 2025 |
चैत्र नवरात्रि (चतुर्थी) | मंगलवार | 1 अप्रैल 2025 |
चैत्र नवरात्रि (पंचमी) | बुधवार | 2 अप्रैल 2025 |
चैत्र नवरात्रि (षष्ठी) | गुरूवार | 3 अप्रैल 2025 |
चैत्र नवरात्रि (सप्तमी) | शुक्रवार | 4 अप्रैल 2025 |
चैत्र नवरात्रि (अष्टमी) | शनिवार | 5 अप्रैल 2025 |
चैत्र नवरात्रि (नवमी) | रविवार | 6 अप्रैल 2025 |
चैत्र नवरात्रि (दशमी) | सोमवार | 7 अप्रैल 2025 |
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हिंदू पुराण और ग्रंथों के अनुसार, चैत्र नवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण नवरात्रि है जिसमें देवी शक्ति की पूजा की जाती थी, रामायण के अनुसार भी भगवान राम ने चैत्र के महीने में देवी दुर्गा की उपासना कर रावण का वध कर विजय प्राप्त की थी। इसी कारणवश चैत्र नवरात्रि पूरे भारत में, खासकर उत्तरी राज्यों में धूमधाम के साथ मनाई जाती है।"नवमी" नवरात्रि उत्सव का अंतिम दिन "राम नवमी" के रूप में मनाया जाता है और इस दिन "सिद्धिंदात्री की पूजा महाशय" की जाती है।