सूर्य के कन्या राशि से तुला राशि में प्रवेश करने को तुला संक्रांति कहा जाता है। जो हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक कार्तिक महीने के पहले दिन आती है। यह संक्रांति दुर्गा महाष्टमी के दिन मनाई जाती है जिसे पूरे भारत में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। लेकिन कुछ राज्य में जिनमे इस पर्व का अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। जिनमे मुख्य उड़ीसा और कर्नाटक है। यहाँ के किसान इस दिन को अपनी चावल की फसल के दाने के आने की ख़ुशी के रूप में मनाते है। इन राज्यों में इस पर्व को बहुत अच्छे ढंग से मनाया जाता है। तुला संक्रांति और सूर्य के तुला राशि में रहने वाले पुरे 1 महीने तक पवित्र जलाशयों में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है।
तुला संक्रांति पूजा 2025 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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तुला संक्रांति पूजा | शुक्रवार | 17 अक्टूबर 2025 |
इस दिन देवी लक्ष्मी की विशेष पूजन का भी विधान है। जिसमे किसान देवी लक्ष्मी को अपनी फसल से कुछ बीज उन्हें चढाते है और उनसे सालभर अच्छी फसल पाने के लिए प्रार्थना करते है। माना जाता है इस दिन देवी लक्ष्मी का परिवार सहित पूजन करने और उन्हें चावल अर्पित करने से भविष्य में कभी भी अन्न की कमी नहीं आती।