भगवान विष्णु ने कहा है जो प्राणी स्वर्ग और मोक्ष प्राप्ति की कामना रखते हैं उनके लिए फाल्गुन शुक्ल पक्ष में जो पुष्य नक्षत्र में एकादशी आती है उस एकादशी का व्रत अत्यंत श्रेष्ठ है। इस एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है। आमलकी एकादशी व्रत शुक्ल पक्ष की एकादशी को किया जाता है। इस व्रत में आंवले के वृक्ष की पूजा करने का विधि-विधान है। इस व्रत के विषय में कहा जाता है, कि यह एकादशी समस्त पापों का नाश करने वाली है। सौ गायों को दान में देने के उपरान्त जो फल प्राप्त होता है। वही फल आमलकी एकादशी का व्रत करने से प्राप्त होता है।
आमलकी एकादशी पूजा 2020 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
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आमलकी एकादशी | शुक्रवार | 6 मार्च 2020 |
आमलकी एकादशी पूजा समय :
एकादशी तिथि शुरू : 13:20 - 5 मार्च 2020
एकादशी तिथि ख़त्म : 11:45 - 6 मार्च 2020
इस व्रत में आंवले के पेड का पूजन किया जाता है। स्नान करके भगवान विष्णु की प्रतिमा के समक्ष हाथ में तिल, कुश, मुद्रा और जल लेकर संकल्प करें कि मैं भगवान विष्णु की प्रसन्नता एवं मोक्ष की कामना से आमलकी एकादशी का व्रत रखता हूं।